गोचर भूमि पर डंपिंग यार्ड प्रस्ताव का ग्रामीणों ने किया विरोध, उग्र आंदोलन की चेतावनी

तखतगढ़ : राजस्थान
प्रतिनिधि: सोहनसिंह रावणा

तखतगढ़ ग्राम बलाना के गोचर चारागाह क्षेत्र में तखतगढ़ नगर पालिका द्वारा डंपिंग यार्ड निर्माण के प्रस्ताव का ग्रामीणों ने जोरदार विरोध किया है। ग्राम खसरा संख्या 1293 में स्थित 1.52 हेक्टेयर गोचर भूमि को कचरा निस्तारण हेतु नगर पालिका को आवंटित करने की प्रक्रिया से ग्रामवासी आक्रोशित हैं।
ग्रामसभा और पंचायत की साधारण सभा में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी न करने के प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं, इसके बावजूद प्रशासन द्वारा डंपिंग यार्ड के लिए भूमि आवंटन की तैयारी की जा रही है। ग्रामीणों ने इसे ग्रामवासियों की सहमति के विरुद्ध और विधि विरुद्ध बताया है।
ग्रामवासियों का कहना है कि बलाना की आबादी 2400 से अधिक है, जहां बड़ी संख्या में पशुपालन होता है। पहले से ही गोचर भूमि सीमित है, और डंपिंग यार्ड बनने से पशुओं के चारे की समस्या और विकराल हो जाएगी। साथ ही, कचरा, प्लास्टिक, मृत पशुओं के अवशेष जैसे अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण से पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान होगा, जिससे पशुधन और मानव स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ेगा।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पूर्व में भी इस मुद्दे पर धरना प्रदर्शन हो चुका है, जिस पर तत्कालीन कलेक्टर द्वारा नगर पालिका को गोचर भूमि में कचरा न डालने के निर्देश दिए गए थे। उस आदेश की प्रति भी संलग्न की गई है।
विशेष बात यह है कि जिस भूमि के पास डंपिंग यार्ड बनाने की योजना है, उसके ठीक बगल में जनजाति छात्रावास के लिए आवंटित भूमि स्थित है, जहां शीघ्र निर्माण कार्य शुरू किया जाना प्रस्तावित है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे छात्रों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
वर्तमान में नगर पालिका क्षेत्र तखतगढ़ के अंतर्गत खसरा संख्या 360, 377, 378 सहित अन्य खसरों में लगभग 6.44 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है, जहां डंपिंग यार्ड को स्थानांतरित किया जा सकता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि नगर पालिका को अपने क्षेत्र में ही डंपिंग यार्ड बनाना चाहिए, न कि बलाना जैसे ग्रामीण क्षेत्र की चारागाह भूमि पर।
ग्राम पंचायत बलाना द्वारा भी पत्रांक 240 दिनांक 15/01/2022 के माध्यम से तहसीलदार सुमेरपुर को स्पष्ट रूप से अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से इनकार कर दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बलाना तखतगढ़ का परिधीय ग्राम भी नहीं है, इसलिए नगर पालिका को किसी भी रूप में ग्राम पंचायत की गोचर भूमि पर अधिकार नहीं है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने बलपूर्वक भूमि आवंटन का प्रयास किया तो वे उग्र आंदोलन व धरना प्रदर्शन को विवश होंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।