फर्जी पट्टा प्रकरण: अग्रिम जमानत याचिका खारिज, नगरपालिका की भूमिका संदेह के घेरे में..!

प्रतिनिधि : सोहन सिंह रावणा
राजस्थान :


तखतगढ़, 8 जुलाई
प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत तखतगढ़ नगरपालिका में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पट्टा बनवाने के मामले में अभियुक्त कुयाराम की ओर से सत्र न्यायालय सुमेरपुर में दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
पूर्व पालिकाध्यक्ष अंबा देवी रावल सहित 7 पार्षदों द्वारा 12 जनवरी को थाने में दर्ज करवाई गई शिकायत के अनुसार, अभियुक्त कुयाराम ने अपने पुत्र नैनाराम के नाम से तालाब की आगोर भूमि पर फर्जी पट्टा बनवाया था। यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में गैर मुमकिन नाला / कैचमेंट एरिया के रूप में दर्ज है, जिस पर नियमन व आवंटन प्रतिबंधित है।
न्यायालय ने याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि प्रकरण प्रथम दृष्टया एक गम्भीर षड्यंत्र प्रतीत होता है, जिसमें नगरपालिका के अधिकारी व कर्मचारियों की संलिप्तता भी संदेहास्पद है। न्यायालय ने यह भी उल्लेख किया कि पट्टा संख्या 994, जिसके आधार पर नैनाराम को वाणिज्यिक पट्टा जारी किया गया, वह रिकार्ड में मौजूद नहीं है और इस संबंध में मूल पत्रावली भी नगरपालिका से गायब है।
अभियुक्त के अधिवक्ता ने उम्र और पूर्व के पट्टे का हवाला देते हुए राहत की मांग की थी, जबकि राज्य की ओर से जोरदार विरोध करते हुए बताया गया कि यदि जमानत दी जाती है तो इस षड्यंत्र की तह तक जांच नहीं हो सकेगी।
न्यायालय ने माना कि मामले में फर्जी दस्तावेजों की बरामदगी व गहन अनुसंधान अभी शेष है, इसलिए अग्रिम जमानत याचिका अस्वीकार की जाती है।